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Tuesday, 25 August 2015

File Your Income Tax Return In Just 8 Easy Steps Latest

ध्‍यान दें भरने से पहले इस बात का
इनकम टैक्‍स रिटर्न को भरने की प्रक्रिया से पहले आपको एक बात का खास ध्‍यान रखना होगा। वह ये कि रिटर्न को भरने से पहले अपना बैंक स्टेटमेंट अपने पास ही रख लें। सिर्फ यही नहीं इसके साथ कंपनी की ओर से दिया गया फॉर्म 16 व बीते साल का इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग भी अपने पास में ही रख लें। अब इसके बाद लॉग इन करें www.incometaxindiaefiling.gov.in पर और करें नीचे दिए गए स्‍टेप्‍स का बराबर से फॉलो।

1 . सबसे पहले वेबसाइट पर सीधे हाथ की तरफ आपको तीन ऑप्शन मिलेंगे। इनमें से सबसे पहला विकल्‍प होगा 'रजिस्टर योर सेल्फ' का। इस ऑप्शन पर क्लिक करके यहां खुद को रजिस्टर करा लें। इसके बाद यहां आपसे यूजर आईडी के बारे में पूछा जाएगा। अब यहां आपको ध्‍यान देना होगा कि पैन कार्ड नंबर ही आपकी यूजर आईडी है।

2 . इस जगह पर आप करंट फाइनेंशियल ईयर की टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट को साफ-साफ देख भी सकते हैं। इस विकल्‍प में आपको 'Form 26AS' भी मिलेगा। यहां पर आपको वह सारे टैक्स मिलेंगे, जो आपकी सैलरी से कंपनी की ओर से काटा जा रहा है। अब यहां पर फॉर्म 16 के हिसाब से आपको जितना टैक्स भरना है, इस ऑप्शन में दिए गए टैक्स से उसका मिलान कर लें।

3 . इसके बाद अब आपको डाउनलोड ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसकी मदद से करंट फाइनेंशियल ईयर का टैक्स रिटर्न फॉर्म आपके सिस्‍टम पर डाउनलोड हो जाएगा। अब ध्‍यान दें कि अगर आपकी इनकम के महज 5000 रुपये ही इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं, तो आपको ITR-2 फॉर्म भरने की जरूरत है। इसके अलावा अगर आप इससे ज्यादा टैक्स के दायरे में आ रहे हैं तो ITR-1 या ITR 4S फॉर्म भरना होगा, लेकिन इससे पहले आपको 'Quick e-file ITR' पर इससे संबंधित पूरी जानकारी भरनी होगी।

4 . इसके बाद अब आपको मिलेगा रिटर्न प्रिपरेशन सॉफ्टवेयर का विकल्‍प। आपको करना होगा इसको डाउनलोड। इसमें आपको एक फॉर्म मिलेगा, इसे फॉर्म 16 के आधार पर पूरी तरह से भर लें।

5 . इस क्रम में 'Calculate Tax' का विकल्‍प आपको मिलेगा। ध्‍यान दें कि इसकी मदद से आप टैक्स को पूरा कैलकुलेट कर सकते हैं। इसके बाद Pay tax (if applicable) के विकल्‍प पर क्लिक करें। ध्‍यान दें कि इसके साथ ही टैक्स रिटर्न के लिए चालान फॉर्म भी भर लें।

6 . यहां अब आपको 'Validate' के नाम से विकल्‍प मिलेगा। अब तक आपने जो भी जानकारी भरी है, उसे कंफर्म करने के लिए आपको इसपर क्लिक करना होगा। अब XML फाइल को जनरेट करने के लिए आपको ऑप्‍शन मिलेगा। इसको आप अपने कम्‍प्‍यूटर पर सेवा कर लें।  http://inextlive.jagran.com/file-your-income-tax-return-in-just-8-easy-steps-latest-201508250015

Commodity Markets Suitable For India In This Slump

अंतरराष्ट्रीय जिंस बाजार में मंदी ग्लोबल अर्थव्यवस्था के लिए भले ही चिंता की बात हो, लेकिन क्रूड और खाद्य तेल जैसी जिंसों की कीमतों में गिरावट फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मुफीद है। जिंसों की कीमतों में कमी आने से उपभोक्ताओं, उद्योगों और सरकार सभी को लाभ होगा। कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतें साढ़े छह साल के निम्नतम स्तर पर आ गई हैं। भारतीय बास्केट के कच्चे तेल के दाम 21 अगस्त को समाप्त पखवाड़े में 45.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए। जबकि सोमवार को ब्रेंट क्रूड छह फीसद गिरकर 43 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया। इसी तरह अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड के दाम 39 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गए हैं। क्रूड कीमत घटने से देश का निर्यात बिल कम होगा। इससे सरकार को चालू खाते का घाटा कम करने में मदद मिलेगी। वहीं घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम भी घटेंगे, जिसका फायदा आम लोगों को होगा। साथ ही खुदरा महंगाई भी कम होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत को एक लाख करोड़ रुपये का लाभ हो सकता है। भारत में मौजूदा खपत स्तर के हिसाब से कच्चे तेल की कीमत में प्रति एक डॉलर की गिरावट से देश पर आयात का भार 6,700 करोड़ रुपये कम हो सकता है। साथ ही सब्सिडी बोझ में भी 600 करोड़ रुपये की कटौती संभव है।

सस्ता खाद्य तेल भी पहुंचायेगा फायदा
घरेलू और ग्लोबल बाजार में मांग कमजोर रहने के कारण खाद्य तेल के दाम में भी गिरावट आई। राजधानी में पामोलिन ऑयल 50 रुपये घटकर 5,250 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। भारत अपनी मांग को पूरा करने के लिए खाद्य तेल आयात करता है। इसलिए इससे आयातित खाद्य तेल सस्ता हो जाएगा। इससे महंगाई भी कम होगी। http://inextlive.jagran.com/commodity-markets-suitable-for-india-in-this-slump-201508250005