Monday, 24 July 2017

नहीं रहे महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक यूआर राव, उत्तराखंड से रहा गहरा नाता

नैनीताल, [जेएनए]: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने एक और महान हस्ती को खो दिया है। महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर और प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार यूआर राव अब इस दुनिया में नहीं रहे। लंबे समय से बीमार चल रहे यूआर राव का बेंगलूरु में निधन हो गया है। 

85 वर्षीय यूआर राव हार्ट की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती थे। रविवार रात उन्होंने दम तोड़ दिया और एक और हस्ती का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। दिवंगत यूआर राव को भारत के अंतरिक्ष, उपग्रह क्षमताओं के निर्माण और देश के विकास में अनुप्रयोगों का श्रेय जाता है। राव ने भारत में भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी की स्थापना की जिम्मेदारी ली वर्ष 1972 में ली थी।
कर्नाटक में हुआ था इस महान हस्ती का जन्म
इस महान हस्ती का जन्म कर्नाटक के अडामारू में 10 मार्च 1932 को हुआ था। उन्होंने  इसरो अध्यक्ष और अंतरिक्ष सचिव का पद भी संभाला। प्रोफेसर राव को अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन ने प्रतिष्ठित द 2016 आईएएफ हॉल ऑफ फेम में शामिल किया था। वहीं साल 2013 में सोसायटी ऑफ सेटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल ने राव को सेटेलाइट हॉल ऑफ फेम, वाशिंगटन में शामिल किया था। राव अहमदाबाद स्थित भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला के संचालन परिषद के अध्यक्ष भी रहे। 

कर्इ अवॉर्ड्स से हुए थे सम्मानित 
यूआर राव को भारत सरकार ने अंतरिक्ष विज्ञान में अहम योगदान के लिए 1976 में पद्म भूषण से सम्मानित किया। जबकि इसी साल उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
Source:-Jagran