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Thursday, 10 September 2015

Food festival

चांदी की थाली में परोसा जाएगा कबाबस्टेशन रोड स्थित कैपिटल रेसिडेंसी के मिलांज रेस्टोरेंट में शुक्रवार क्क् सितंबर से कबाब-बिरयानी फूड कार्निवल की शुरुआत हो रही है. जिसमें लोगों को चांदी की थाली में वेज और नॉन वेज खाना परोसा जाएगा. इसके लिए होटल के शेफ असित कुंडू और उनके सहयोगी शेफ्स ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है. होटल के डायरेक्टर करणवीर भाटिया ने बताया कि पिछली बार का रिस्पांस काफी अच्छा था इसे देखते हुए हमने इस बार कुछ नया करने का सोचा. इसबार का थीम लोगों को काफी पसंद आएगा. जिसमें सिलवर सेट में ही लोगों को डेजर्ट से लेकर खाना तक परोसा जाएगा. यह कार्निवल दिन के क्ख् बजे से लेकर रात क्क् बजे तक चलेगा. 

विभिन्न राज्यों से मंगाई गई है खाद्य सामग्री
लोगों को खाने में जो वैरायटी परोसी जाएगी उसके लिए उसी इलाके की खाद्य सामग्रियां मंगवाई गई है. ताकि लोगों को वहीं स्वाद मिल सके. लोगों को जो खाना परोसा जाएगा उसमें राजमा गलौटी, दही पालक, चपली कबाब, सिकंदरी रान, यखनी बिरयानी, हैदराबादी बिरयानी, सब्जदम बिरयानी के अलावा इंडियन दाल, करी, वेज ग्रेवी और स्वीट्स भी रखे गए है. http://inextlive.jagran.com/food-festival-91586

Source: Ranchi News

Monday, 7 September 2015

Registration Of Plot And Flat Affected Due To Dead Writers Strike

जमीन रजिस्ट्रेशन में दस्तावेजों से न हो छेड़छाड़जमीन की रजिस्ट्री को लेकर हाईकोर्ट द्वारा कुछ दस्तावेजों को अनिवार्य किए जाने और डीड राइटर्स की कलमबंद हड़ताल को देखते हुए डीसी ने शुक्रवार रजिस्ट्रार के साथ मीटिंग की. इस मौके पर उन्होंने सभी रजिस्ट्रार को हाईकोर्ट के फैसले को ध्यान में रखकर ही रजिस्ट्री करने के निर्देश दिए. गौरतलब है कि हाईकोर्ट के जमीन रजिस्ट्री को लेकर दस्तावेजों को कंपल्सरी किए जाने के बाद रजिस्ट्री की संख्या काफी कम हो गई है. जिस वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. ऐसे में रजिस्ट्री को लेकर लोगों को हो रह परेशानियों को भी दूर करने की प्रशासन कोशिश कर रही है.
डीसी ने दिए ये निर्देश
-रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज देनेवाले की पहचान जरूर होनी चाहिए http://inextlive.jagran.com/registration-of-plot-and-flat-affected-due-to-dead-writers-strike-90937

Source - Ranchi News

Thursday, 13 August 2015

Cobra Jawans Bite Students Of Loadge In Sukhdeonagar Thana

वर्दी का रौब दिखा कोबरा जवानों ने छात्रों को पीटासुखदेवनगर थाना एरिया के मधुकम स्थित चंदन लॉज में रह रहे छात्र प्रेम कुमार और उसके भाई पवन कुमार सिंह की कोबरा के जवानों ने जमकर पिटाई कर दी. मंगलवार की देर रात का यह मामला है. कोबरा जवानों की पिटाई से छात्रों के हाथ, पैर और चेहरे पर चोट आई है.

यह है मामला 

प्रेम मधुकम स्थित चंदन निवास में रहकर पढ़ाई कर रहा है. इसी लॉज में कोबरा जवान मिथिलेश का भतीजा आनंद तिवारी रहता है. मंगलवार की रात लॉज की छत पर आनंद शराब के नशे में हो-हल्ला कर रहा था. प्रेम ने आनंद को ऐसा करने से मना किया तो उसने प्रेम की पिटाई शुरु कर दी. प्रेम को बचाने जब पवन आया तो उसके साथ भी मारपीट की. इसके बाद आनंद ने कोबरा जवान मिथिलेश को फोन कर अपने पीटे जाने की जानकारी दी. मिथिलेश अपने चार-पांच साथियों के साथ लॉज पहुंचा और प्रेम व पवन को कमरे से निकालकर लाठी-डंडे व लात-घूंसों से पीटना शुरु कर दिया.

पहले माफी मांगी, फिर फंसाया 

इस बीच प्रेम के दोस्त विवेक और विशाल लातेहार से अपनी गाड़ी से रांची पहुंचे. इस बीच लॉज की मालकिन भी मौके पर पहुंच गई. उन्होंने कोबरा जवानों को निकालकर गेट बंद कर दिया. इस बीच प्रेम के पास आकर आनंद तिवारी ने माफी मांगी. उसने मौके पर मौजूद विशाल से गाड़ी की चाबी मांगी, पर उसने देने से इंकार कर दिया. See more - http://inextlive.jagran.com/cobra-jawans-bite-students-of-loadge-in-sukhdeonagar-thana-88456

Monday, 10 August 2015

Ph D Is Tufftask For Schloars In Ranchi University

चढ़ावा के साथ गाइड को भी करना पड़ता है खुशरांची यूनिवर्सिटी में पीएचडी करना स्कॉलर्स के लिए आसान नहीं है. रिसर्च के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से पीएचडी की उपाधि लेने तक की प्रक्रिया ऐसी है कि स्कॉलर्स के पसीने छूट जाते हैं. चढ़ावा दिए बगैर रिसर्च से संबंधित फाइल आगे नहीं बढ़ती है. गाइड के आगे-पीछे चक्कर लगाना पड़ता है. पीएचडी सेमिनार व वाइवा में नाश्ता-पानी का इंतजाम करना पड़ता है. जो इनमें माहिर होता है, उसके रिसर्च की राह थोड़ी आसान हो जाती है, वर्ना यहां पीएचडी करना टेढ़ी खीर है.

फाइल मूवमेंट में लेट-लतीफी 

पीएचडी करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. यूनिवर्सिटी में स्कॉलर्स की रजिस्ट्रेशन से संबंधित फाइल कई टेबुलों से गुजरती है. इसमें महीनों लग जाते हैं. लेकिन, अगर आपकी पहुंच यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स तक हो तो यह काम एक सप्ताह में हो जाता है. इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी का बार-बार चक्कर भी लगाना नहीं पड़ेगा. एक स्कॉलर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि टॉपिक के रजिस्ट्रेशन के लिए महीनों तक यूनिवर्सिटी का चक्कर लगाया. रिसर्च पूरा होने के बाद भी थीसिस सब्मिट करने व डिग्री के लिए बार-बार आना पड़ा. आप रिसर्च करने के प्रति जितने गंभीर रहेंगे, उतना ही इसके अप्रूवल के लिए भी कांशस रहना होगा, नहीं तो आपकी रिसर्च वर्क से संबंधित फाइल यूनिवर्सिटी के किसी टेबुल पर धुल फांकती रहेगी. See more - http://inextlive.jagran.com/ph-d-is-tufftask-for-schloars-in-ranchi-university-88135

Source: Ranchi News