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Thursday, 13 August 2015

Ranchi University Fake Website Is Running

रांची यूनिवर्सिटी की रन कर रही है फर्जी वेबसाइटरांची यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर आपको अगर कोई सूचना मिलती है तो उसपर तुरंत विश्वास ना करें. पहले यह तहकीकात कर लें कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट असली है या नकली, क्योंकि रांची यूनिवर्सिटी के नाम से फर्जी वेबसाइट भी इन दिनों रन कर रही है. फर्जी वेबसाइट की सूचना पर विश्वास करने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है. यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने भी माना है कि रांची यूनिवर्सिटी की फर्जी वेबसाइट भी है. 

रांची यूनिवर्सिटी की ऑरिजिनल और फर्जी वेबसाइट एक साथ रन कर रही है. दोनो ही वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी से जुड़ी तमाम सूचनाएं उपलब्ध है. बस फर्क इतना है कि यूनिवर्सिटी की ऑरिजिनल वेबसाइट में रिजल्ट से संबंधित कोई पेज नहीं है, जबकि फर्जी वेबसाइट में रिजल्ट का फेज सबसे ऊपर मौजूद है. सीसीडीसी डॉ पीके सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी की फर्जी वेबसाइट रन करने की जानकारी मिली है. यह आरयू की ऑरिजिनल वेबसाइट से मिलती-जुलती है.  See more - http://inextlive.jagran.com/ranchi-university-fake-website-is-running-88586

Source: Ranchi News

Monday, 10 August 2015

Ph D Is Tufftask For Schloars In Ranchi University

चढ़ावा के साथ गाइड को भी करना पड़ता है खुशरांची यूनिवर्सिटी में पीएचडी करना स्कॉलर्स के लिए आसान नहीं है. रिसर्च के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से पीएचडी की उपाधि लेने तक की प्रक्रिया ऐसी है कि स्कॉलर्स के पसीने छूट जाते हैं. चढ़ावा दिए बगैर रिसर्च से संबंधित फाइल आगे नहीं बढ़ती है. गाइड के आगे-पीछे चक्कर लगाना पड़ता है. पीएचडी सेमिनार व वाइवा में नाश्ता-पानी का इंतजाम करना पड़ता है. जो इनमें माहिर होता है, उसके रिसर्च की राह थोड़ी आसान हो जाती है, वर्ना यहां पीएचडी करना टेढ़ी खीर है.

फाइल मूवमेंट में लेट-लतीफी 

पीएचडी करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. यूनिवर्सिटी में स्कॉलर्स की रजिस्ट्रेशन से संबंधित फाइल कई टेबुलों से गुजरती है. इसमें महीनों लग जाते हैं. लेकिन, अगर आपकी पहुंच यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स तक हो तो यह काम एक सप्ताह में हो जाता है. इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी का बार-बार चक्कर भी लगाना नहीं पड़ेगा. एक स्कॉलर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि टॉपिक के रजिस्ट्रेशन के लिए महीनों तक यूनिवर्सिटी का चक्कर लगाया. रिसर्च पूरा होने के बाद भी थीसिस सब्मिट करने व डिग्री के लिए बार-बार आना पड़ा. आप रिसर्च करने के प्रति जितने गंभीर रहेंगे, उतना ही इसके अप्रूवल के लिए भी कांशस रहना होगा, नहीं तो आपकी रिसर्च वर्क से संबंधित फाइल यूनिवर्सिटी के किसी टेबुल पर धुल फांकती रहेगी. See more - http://inextlive.jagran.com/ph-d-is-tufftask-for-schloars-in-ranchi-university-88135

Source: Ranchi News