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Thursday, 13 August 2015

Patna Pirate Team Is Not Powerful In Pro Kabaddi Series

प्रो कबड्डी की धूम पूरे देश में मची है. अमिताभ बच्चन के 'कबड्डी-कबड्डी' हंगामे ने देशभर के यूथ में इस खेल के प्रति गजब का रोमांच पैदा कर दिया है. अफसोस पटना पायरेट टीम की खराब परफॉर्मेस से इसके फैन निराश हैं. प्रो कबड्डी लीग के सीजन-टू में टीम कॉम्बिनेशन बदला हुआ है और कई इवेंट के बाद भी ग्राउंड पर इनकी हू-तू-तू जम नहीं रही है. यही वजह है कि टीम अपनी स्थिति मजबूत नहीं कर पाई है. खेल में दो चीजें होती हैं, एक ऑफेंस और दूसरा डिफेंस, पर इन दोनों में डिफेंस का एरिया भी टीम का कमजोर ही रहा है. इसके साथ ही स्टार खिलाडी और कैप्टन राकेश कुमार नहीं चल पाए हैं. वे पटना में ही खेले गए मैच में ही चोटिल होने के बाद अब तक उबर नहीं पाए हैं. अब वे टीम में खेल भी नहीं रहे हैं. अब टीम के सामने एक ही उम्मीद है कि लीग में तीन मैच जीत जाए, तभी सेमीफाइनल में भी खेलने की आस बंधेगी. बेंगलुरु और पुणे में होने वाले मैच पर सबकी नजर है.

डिफेंस कमजोर है, क्योंकि..

किसी भी टीम में डिफेंस की एक मजबूत जगह होती है, पर पटना पायरेट के साथ फिलहाल यह कमी है. बिहार राज्य कबड्डी संघ के सेक्रेटरी कुमार विजय ने टीम का आंकलन करते हुए कहा कि डिफेंस नहीं चल पाया है. दरअसल, टीम बनने के समय इसमें पांच डिफेंस के प्लेयर सर्विसेज से लेने की बात हुई थी, पर ऐसा नहीं हो सका. सर्विसेज की मांग थी कि वे अपने सर्विसेज के लोगो के साथ ही खेलेंगे, लेकिन प्रो कबड्डी के आयोजक इसके लिए तैयार ही नहीं थे. See more - http://inextlive.jagran.com/patna-pirate-team-is-not-powerful-in-pro-kabaddi-series-88532

Source: Patna News

Train Ticket Full For Festival Season From Delhi And Mumbai

इस बार दुर्गा पूजा, दीपावली व छठ पर बिहार से बाहर रह रहे लोगों को घर आने में परेशानी होने वाली है, क्योंकि दिल्ली, मुंबई सहित अन्य प्रमुख शहरों से पटना आने वाली सभी ट्रेनें फुल हो गई हैं. कई प्रमुख ट्रेनों में सीटें हैं ही नहीं तो अधिकांश में वेटिंग ही दिख रहा है. मालूम हो कि दीपावली क्क् नवंबर को है और इसके छह दिन बाद छठ होना है. 

तत्काल का ही इंतजार

नई दिल्ली से पटना आने वाली कई ट्रेनों के थर्ड एसी और स्लीपर में नो रूम तो कुछ में वेटिंग ही बहुत अधिक है. ऐसे में पैसेंजर के पास मात्र एक ही ऑप्शन है कि वे तत्काल का इंतजार करें. वहीं, रेल अधिकारियों की मानें, तो जैसे-जैसे फेस्टिवल का समय नजदीक आएगा फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें भी चलायी जाने की योजना है. दिल्ली से आने वाली प्रमुख ट्रेनों में से गाड़ी संख्या क्भ्ब्8ब् महानंदा एक्सप्रेस में क्0 नवंबर से क्7 नवंबर तक वेटिंग टिकट ही मिल रहा है. 

कई ट्रेनों में वेटिंग

गाड़ी संख्या  नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, गाड़ी संख्या क्ख्ब्ख्ब् डिब्रूगढ़ राजधानी, गाड़ी संख्या क्ख्फ्म्8 विक्रमशिला में भी कई नवंबर से लेकर कई दिनों तक ट्रेनों में टिकट वेटिंग ही है. See more - http://inextlive.jagran.com/train-ticket-full-for-festival-season-from-delhi-and-mumbai-88428

Monday, 10 August 2015

Pandit Rajan Mishra And Sajan Mishra Are In Patna

टैलेंट नहीं परसेंट से माने जाते हैं अच्छे स्टूडेंट्सशास्त्रीय संगीत के जाने-माने नामों में पद्मविभूषण पंडित राजन मिश्र एवं पद्मविभूषण साजन मिश्र की अपनी अलग पहचान हैं. दन दिनों ये दोनों स्पिक मैके की ओर से पटना के अलग-अलग एजुकेशन इंस्टीट्यूट में स्टूडेंट्स को शास्त्रीय संगीत से रू-ब-रू करा रहे हैं. आई-नेक्स्ट से बात करते हुए राजन व साजन मिश्र ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा-दीक्षा, इसके प्रचार-प्रसार, और तनाव दूर करने में शास्त्रीय संगीत के रोल आदि पर अपने विचार रखे. 

राजन मिश्रा:

अब पश्चिमी देशों में भी लोग शास्त्री संगीत सुनना काफी पसंद कर रहे हैं. इसके बाद भी इसका प्रसार नहीं हो पा रहा आखिर क्यों?

आज के समय में रॉक-पॉप के मैडोना हों या कोई और कलाकार विदेशों में परफॉमेंस पर मीडिया में अच्छी जगह मिलती है. हिंदुस्तानी वोकल म्यूजिक का विदेशों में ही नहीं भारत में ख्भ् हजार से ज्यादा दर्शक टिकट खरीद कर देखते हैं, लेकिन इनको वैसा स्थान नहीं मिल पाता है जैसा की विदेशों में मिलता है. पॉप और रॉक वालों के पास तगड़ी पीआर एजेंसी होती है. हालांकि भारत के पारंपरिक संगीत के कलाकार स्वाभिमानी होते हैं. वे इन सब पर ध्यान नहीं देते हैं.

भारत में शास्त्रीय संगीत के एजुकेशन की स्थिति है?

हमारे समय में सातवीं तक संगीत की शिक्षा अनिवार्य थी. आज इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. स्टूडेंट्स की प्रतिभा का आकलन परसेंट पर होता है, जबकि कम परसेंट वाले स्टूडेंट्स में भी अच्छी प्रतिभा है. संगीत की शिक्षा पाकर लोग लंबे समय तक म्यूजिक इंडस्ट्री में टिक रहे हैं. सोनू निगम, श्रेया आदि कलाकार एजुकेशन पाकर आए हैं. इसी कारण इंडस्ट्री में टिके हुए हैं. वैसे, कई कलाकर तो ऐसे भी हैं जो एक एल्बम में दिखते हैं फिर कहां गायब हो जाते पता भी नहीं चलता.  See more - http://inextlive.jagran.com/pandit-rajan-mishra-and-sajan-mishra-are-in-patna-88087

Source: Patna News